थिएटर कमांड का शोर बहुत है लेकिन इस तरफ देश पच्चीस साल में ढाई कोस ही चला है. कोई कह रहा है कमांड्स बनने के बाद सेनाओं का स्ट्रक्चर बदल जाएगा, किसी का कहना है कि पुरानी परंपराओं को बदलना होगा, एयरफ़ोर्स के कुछ सवाल हैं तो एक्सपर्ट्स संशय जता रहे हैं कि अब आर्मी ही सुपीरियर हो जाएगी. थिएटर कमांड खुद एक मुश्किल है या मुश्किलों का समाधान हमने जाना 'पढ़ाकू नितिन' की बैठकी में गौरव सावंत के साथ. पिछले ढाई दशकों में उन्होंने दुनिया में चल रही सभी जंग कवर की हैं और कारगिल कवर करने के बाद मशहूर किताब “डेटलाइन कारगिल” भी लिखी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
सोना ख़रीदकर घर में रखना क्यों घाटे का सौदा है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 180