23 साल पहले भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था. इस केस की गुत्थी 48 घंटों में सुलझाई गई और अफ़ज़ल गुरू को फांसी भी इसी केस में हुई. लेकिन इनवेस्टिगेशन को अंजाम कैसे दिया गया? जिस पुलिस अफसर ने मामला खोला उनका नाम है अशोक चांद. 32 सालों में उन्होंने ढेरों हाई प्रोफ़ाइल केस सुलझाए. 13 साल में दो बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी उनके हिस्से है. तो आज के 'पढ़ाकू नितिन' में बात करेंगे दिल्ली के रिटायर्ड एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक चांद और आजतक के एडिटर क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन अरविंद ओझा से और सुनेंगे संसद हमले से लेकर लाल किला आतंकी हमला केस तक की कहानी.
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