किसी देश के लिए इतना ही काफी नहीं कि वहां कितने अमीर बसते हैं, ज़रूरी ये आंकड़ा भी है कि कितने गरीब रहते हैं. महिला सुरक्षा, सेहत, शिक्षा, जीवन प्रत्याशा के नंबर भी बताते हैं कि देश किस राह पर है. स्वाति नारायण ने एक किताब लिखी है 'Unequal', जिसकी चर्चा संसद तक में है. किताब का दावा है कि बहुत से इंडिकेटर्स में भारत के पड़ोसी उसे पछाड़ रहे हैं. ये किताब चिंता पैदा करती है और ये चाह भी कि गड़बड़ियों को दुरुस्त करके आगे बढ़ा जाए.
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