बिरसा मुंडा ने 19वीं सदी के अंत में आदिवासी हक़ों के लिए दिकूओं के ख़िलाफ़ विद्रोह का नेतृत्व किया था. जंगल से बेदखल किये जा रहे जंगल के लोगों की दशा देखकर बिरसा ने उलगुलान का आह्वान किया और परंपरागत हथियारों से लड़ाई लड़ी. बिरसा केवल 25 बरस जिए लेकिन ऐसे जिए कि आदिवासियों के भगवान कहलाए. उनकी जयंती पर सुनिए आज तक रेडियो की ख़ास पेशकश अंजुम शर्मा के साथ.
Princess Diana को हनीमून पर ही मिला बेवफाई का सबूत?: नामी गिरामी, Ep 301