तीन ताल के 95वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
- आज तक रेडियो के श्रोताओं के लिए ख़ुशखबरी
- आज तक रेडियो के बच्चे और तीन ताल के माट साब
- अनर्थ करने वाले बाबा को क्या 'अर्थ' से प्यार है
- क्या पैसे का तिलस्म अन्याय पर आधारित है
- बाबा ने 'अर्थ' को जीवन का उपला क्यों कहा
- उंगलियों के घर्षण से पैसे का इशारा
- बाबा का अर्थ संकोच और अर्थ विस्तार
- पैसे की वैल्यू क्या है और धनोपार्जन क्यों आवश्यक है
- ताऊ ने क्यों कहा पैसा घर की नहीं बाज़ार की चीज़ है
- पैसे की पहचान क्या है और ये क्यों दिख ही जाता है
- एड़ियों का अमीरी से क्या लेना देना है
- अमीरों और ग़रीबों की भूख में फ़र्क़
- समय खरीद लेने वाले अमीर लोग
- शेखों के अजीबोग़रीब शौक़ और कुछ लतीफ़े
- पैसे की सबसे अच्छी और बुरी बात क्या है
- पैसे के बारे में ताऊ की दो गंभीर बातें
- बिज़ार ख़बर में पेशाब से ख़राब हुआ लोहे का पुल
- पेशाब के अलग अलग नाम
- निवृत्त होने का सही तरीक़ा क्या है
- पतलून ने कैसे काम बिगाड़ा है
- और आखिर में तीन तालियों की चिट्ठियां
प्रड्यूसर - कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत
जनगन्ना का गन्ना, फूफा के फफोले और भौकाल प्रसारण : तीन ताल S2 120
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स्वर्ग में संस्कृत, गोबर में गोल्ड और झुमके से झगड़ा : तीन ताल S2 112