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56 भोग का रायता, कंजूसों की मजबूरियाँ और मय्यत का ह्यूमर : तीन ताल Ep 56

56 भोग का रायता, कंजूसों की मजबूरियाँ और मय्यत का ह्यूमर : तीन ताल Ep 56

तीन ताल के 56वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

-ताऊ को पॉल्यूशन देख क्यों मज़ा आ गया. बारूद और पेट्रोल की महक का आकर्षण. नशेड़ियों की राष्ट्रभक्ति.

-56वें एपिसोड में सुनिये 56 भोग का महत्व और किन सवालों का जवाब है 'अब तक छप्पन'. 

-कंजूसी और कंजूसत्व पर बतरस. बाबा और ताऊ के खर्च करने का तरीका क्या है और सबसे बड़ी समस्या पैसे बचाने की है या कमाने की?

-क्या हुआ जब बाबा कर घर एक चोर आया? कंजूसों की घर वापसी क्या सम्भव है?

-बिज़ार ख़बर में मेडिकल ट्रीटमेंट के दौरान रोने पर एक्स्ट्रा चार्ज चुकाने वाली महिला के हक़ की बात. इसी बहाने हमारी ज़िन्दगी के एक्स्ट्रा चार्जेज पर बात

-उस बस का किस्सा जिसका टिकट लोग खरीदते हैं सोने के लिए. नींद पर किस का बस है. ताऊ क्यों हुए गौतम 'गम्भीर' और आज के वक़्त में सोना मुहाल क्यों?

-श्वान निद्रा की समस्याएँ और क्या कई हजार बरस बाद इंसानों की आँखें बड़ी होंगी?

-मय्यत का ह्यूमर. अन्तिम संस्कार के दौरान बिना माँगी सलाह देने वाले रायचंदों के किस्से और कैसे हमारे यहाँ मौत के बाद हक़ीक़त को मटकी में भर के हरिद्वार भेज देते हैं 

-और आख़िर में न्योता वाले श्रोता में कुछ चिठ्ठियों के बहाने साइकिल से लाहौर जाने वाले हरकिशन सिंह सुरजीत की याद और पंजाब के असल संगीत पर बात.

प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी

 

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