तीन ताल के 82वें एपिसोड में पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-सरदार ने बाबा से ली हिंदी उधार. छोटा रिचार्ज वाला ‘तीन ताल’ जिसमें ताऊ बने श्रोता.
-मई होता है या मे? मई दिवस की ठसक. मई के बादल को बाबा ने क्यों दयनीय कहा.
- नेता भारत में पार्टी बना सकता है, पार्टी कर क्यों नहीं सकता? हिंदी पट्टी का पाखण्ड और स्टीरियोटाइपिंग. संघर्ष की लड़ाई कैसे लड़ी जानी चाहिए?
-बिज़ार ख़बर में यूपी के मंत्री जी की चर्चा जिन्हें चूहे ने काट लिया. चूहों का मई कनेक्शन. क्या चूहे एंटी-नेशनल होते हैं?
-चूहों की संग्रह की प्रवृत्ति. बाबा ने खुद को क्यों 'कुत्ता' कहा? चूहों और बन्दरों से कौन सी बात सीखने योग्य. और चूहों के चक्कर में कौन मारा गया.
-और आख़िर में तीन तालियों की चिट्ठियों में शिशु मंदिरों के आख्यान.
प्रड्यूसर - कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग - अमृत रज्जी
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