तीन ताल S2, E6 में कमलेश 'ताऊ', कुलदीप 'सरदार' और रुनु झा के साथ सुनिए:-
-टमाटर खाना चाहिए या नहीं? टमाटर फल है या सब्ज़ी?
-सोसाइटी में बकरा लाने की इजाज़त होनी चाहिए? ताऊ के ईश्वर पर विचार क्या स्पष्ट नहीं!
-आधा पढ़ाई और तीन घंटे लड़ाई को देने वाले बच्चों का टाइमटेबल. Realistic टाइमटेबल कोई हो सकता है क्या?
-सफलता के मायने. टाइम मैनजमेंट. कोटा के बच्चे.
-आज कल के बच्चों को खारिज़ किया जाना चाहिए? सोशल मीडिया का बच्चों पर असर.
-रील बनाने वाले लड़के. फ़ोन के नुकसान. गृह विज्ञान पढ़ना क्या अब शर्म नहीं?
-मिसहर्ड लिरिक्स का ज़माना. रुनु जी ख़ुद को डरावनी शिक्षक क्यों नहीं मानतीं? 'बैगलेस डे' की अवधारणा.
-मुर्गा और चेयर बनने वाले लड़के! आज कल के बच्चों को स्कूल में सज़ा नहीं मिलती? नटखट बच्चे.
-पहली बिज़ार ख़बर में हरियाणा सरकार का पेड़ों को पेंशन देने वाले विचार पर बतकही.
-दूसरी बिज़ार ख़बर में उन महिला की बात जिन्होंने एक दृष्टिहीन आदमी पर घूरने का आरोप लगा दिया.
-पेड़ पर पैसे. स्वतन्त्रता सेनानी पेड़. पेड़ पर चढ़ना क्यों एक स्किल है? पेड़ के उपयोग.
-ताऊ किस पौधे को पहचान लेते हैं? तुअर और अरहर.
-लगातार घूरना कैसे किसी को प्रभावित कर सकता है? घूरने वाली संस्कृति.
-पेट डायरेक्ट होने का अर्थ. आम की तासीर. गब्बरजीत आम.
-आकाश त्रिपाठी के कुछ संगीतमय रिकमेंडेशन:-
https://www.youtube.com/watch?v=aPj8nRdJ3B8
https://www.youtube.com/watch?v=exX364lveFA
https://www.youtube.com/watch?v=GauwBsPkXjw
-और आख़िर में प्रिय 'तीन तालियों' की चिट्ठियां.
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ सचिन द्विवेदी.
क्रिकेट का कोपियम, भंगुर बच्चे और पैरों का टच: तीन ताल, S2 E27
मिथुन का तकिया कलाम, कमाऊ कुत्ते और नरक का मनोरंजन: तीन ताल, S2 E26
नीतीश की 'भल्गैरिटी', घुंघराले बाल और उस्तरे के उस्ताद: तीन ताल, S2 E25
70 घंटे काम, यारों की बारात और फँसने वाली लिफ्ट: तीन ताल, S2 E24
दिवाली का जुआ, तवायफ़ कल्चर और मीटिंग की मर्यादा: तीन ताल, S2 E23
अरब का ह्यूमर, झूठ बोलने की स्किल और नौकरी का डर: तीन ताल, S2E22
अपना अपना फ़िलिस्तीन, पतंगबाज़ी की यादें और चटपटे क़ानून: तीन ताल S2 E21
बुढ़ापे का आनंद, शक़ के फ़ायदे और महाबली लंगूरा: तीन ताल, S2 E20
कानपुर की चिकाईबाजी, भट सुअर टेम्पो और दीमक की भूख: तीन ताल, S2 E19