
तीन ताल के 32वें एपिसोड में कमलेश ‘ताऊ’, पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार’ से सुनिए:
- संपूर्ण मच्छर शास्त्र. मच्छर कहां से आए, कान में वो क्या कहना चाहते हैं, जिसे हम कभी समझ नहीं पाए? मच्छरों के साहस और इवॉल्व होने की कहानी.
- क्या राष्ट्रवाद को रिक्लेम किया जा सकता है? तीन ताल के लिसनर अभिषेक ठाकुर की चिट्ठी के बहाने पुराने, नए और आदर्श राष्ट्रवाद पर बात. भारतीय मुसलमानों ने धोती और सिंदूर का त्याग कर दिया तो इसका ज़िम्मेदार कौन है और क्या राष्ट्रवाद में संशोधन संभव है?
- इंडिविजुअल नेशनलिज्म कोई चीज़ हो सकती है क्या? और उन तीन मज़बूत नायकों की बात जो भारत में आधुनिक समावेशी राष्ट्रवाद की नींव हो सकते थे, पर ऐसा होने नहीं दिया गया.
- क्यों कांग्रेस को सेक्युलरिज्म की राह नहीं छोड़नी चाहिये? ताऊ की उन चिट्ठियों का ज़िक्र जिनका राजीव गांधी जवाब दिया करते थे और कांग्रेस पर प्रधानमंत्री मोदी की किस बात से सहमत हैं बाबा?
- इजरायल और फलस्तीन मसले का हल क्या है? दोनों के बीच की ‘मध्यस्थता’ को क्यों बाबा ने चतुरी काका और रामसुमेर दीक्षित की बतकही से जोड़ा? हमास का 500 डॉलर बनाम इजरायल का लाख डॉलर और ताऊ की कविता हाय फलस्तीन. भारत ने क्यों इजरायल का पानी तो पी लिया लेकिन नमक खाने से परहेज़ किया ?
- और बिज़ार ख़बर में बात पंकज के प्यार की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उसके निबाह की.

मनाही का मज़ा, लखनऊ में लोटपोट और ईमानदार के रिबेल : तीन ताल, S2 125

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निरहुआ का तेल गमकउआ, भैंस का GPS और थकान से हराशमेंट : तीन ताल, S2 122

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