तीन ताल सीज़न 2 के 34वें एपिसोड में कमलेश ताऊ, आसिफ़ खां चा और जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ सुनिए:
- मालदीव और लक्षद्वीप की बहस का सार, मालदीव की भाषा और कल्चर और घूमने के लिए बेहतर जगहें
- जवानी को कैसे डिफाइन करें और जवानों का योगदान
- हेलो फ्रेंड्स वाले रीलिये, रील और रियल वर्ल्ड का फ़र्क़ और कौन सी किताबें न पढ़ें
- जवानी का की पहचान और आजकल जवानी क्यों खप नहीं रही है
- धार्मिक आइडेंटिटी तलाशती युवा पीढ़ी और नौजवानों की भेड़चाल,
- यूथ का गहना, चौराहे पर खड़ी जवानी और जवान होने के लिए ये बेस्ट टाइम क्यों है
- युवकों के बदलते एस्पिरेशन्स और एम्बिशन्स और उनकी एनर्जी कहाँ लग रही है
- पहले और अब के जवानों की आशिक़ी और नवयुवकों के प्रति खब्तीपन
- बिज़ारोत्तेजक ख़बर में न्यू ईयर पार्टी के लिए बालू से भरा ट्रक लूटने वाले लखनऊआ लोग
- लखनऊ की तहज़ीब, लखनऊ-भोपाल की गालियां और सलीके को ज़िंदा रखने वाले शहर
- लखनऊ की हाज़िरजवाबी, यहाँ की बिरयानी, क़बाब और चाय
- बनारस की सुबह, लखनऊ की शाम और बसों को ट्रेन बनाने की क़ला
- भंडारे की जानकारी के लिए ऐप बनाने वाले लोग
- और आख़िर में प्रिय तीन तालियों की प्रेमपूर्ण पत्र
प्रड्यूसर: कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग: नितिन रावत
कांवड़ का 'ड़', नाले की ठंडक और ठठेरे की ठुक-ठुक: तीन ताल, S2 Ep 62
गंडापुर की गाड़ी, गधइया का दूध और गुल-धर्म की मर्यादा: तीन ताल, S2 Ep 59