तीन ताल के 71वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-सियासी गर्मी के बीच बाबा को याद आए कंटाप मारते सूर्य देवता. यूपी से कहाँ आगे निकल गया पंजाब.
-बाबा नए शहर के नए होटल में जाते ही क्यों सबसे पहले तकिया सूंघते हैं? बाबा की दाल के चर्चे कहाँ तक?
-महाराष्ट्रियन थाली में मिसल पाव, पूरन पोली और वड़ापाव के अलावा और क्या. क्या मोदक एक ओवररेटेड मिठाई है?
-महाराष्ट्र के किन तीन परिवारों की थाली देख लार चुआते हैं बाबा. ताऊ को कब लगा महाराष्ट्र मतलब 'मटन राष्ट्र'?
-कीर्तन करते प्रधानमंत्री किसे अपील कर रहे हैं?
कैसे वे लूट लेते हैं हर महफ़िल.
-कीर्तन और भजन के अर्थ और प्रकार. भजन, कीर्तन और रामचरित मानस पाठ की अलबेली दुनिया.
-कीर्तन की महिलाओं के लिए उपयोगिता और मानस पाठ के अलबेले सम्पुट.
- छंद गाते हुए बाबा और सरदार. तुलसीदास को गाने और बरतने में अंतर क्या है? गीताप्रेस की समाज में भूमिका.
-और आख़िर में तीन तालियों की प्रतिक्रियाओं और चिट्ठियों के बहाने विज्ञापनों की महिमा और बाय के दर्द पर मंथन.
प्रड्यूसर - शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग - सचिन द्विवेदी
टू-लस्सन थ्योरी, चालान का चलन और जाम का झाम : तीन ताल S2 101
दुकान चलाने का मंतर, बलि लेने वाला बकरा और गुटखा थूकक चोर : तीन ताल S2 100