तीन ताल के 33वें एपिसोड में कमलेश ‘ताऊ’, पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार’ से सुनिए :
-बेबाक बुधवार में आयुर्वेद और एलोपैथी पर हुई चर्चा का सार और अगली चर्चा का निमंत्रण.
-मैप के मिसहैप पर बात और जीपीएस के साथ हमारे संयोग और प्रयोग.
-बनारस और दिल्ली 6 में क्यों फेल कर जाता है मैप? ताऊ और बाबा की आपबीती.
-नक्शा क्या है? नक्शेबाज़ी क्या है? बीड़ी बुझाकर, पान थूककर और गुटखा हाथ में लेकर रास्ता बताने वालों को सलाम. भटकना क्यों जरूरी है?
-बिज़ार ख़बर में हवा में विवाह करने वाले कपल की चर्चा और उस चमगादड़ की भी जो विमान से अमेरिका जाना चाहता था.
-आँसू बहाने के लिये हैं या पीने के लिये? घटिया फिल्में देख कर रोने के ताऊ और बाबा के अनुभव और बाबा ने क्यों कहा कि आँख से कोई नहीं रोता?
-आँसुओं का संगीत और साहित्य. शादियों में विदाई का रूदन जिससे बचने के लिये बाबा मौका-ए-वारदात से गायब हो जाते हैं.
-औरतें पुरुषों से ज्यादा क्यों रोती हैं? कोई किसके सामने रोये और किसे बनाए "क्राय-बडी"?
-और क्या हो अगर सरकारें आँसू गैस के बजाय लाफिंग गैस का इस्तेमाल शुरू कर दें?
-और आखिर में चार बातें अवधी और अंगिका पर.
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