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कोरोना का ताऊ वेरिएंट, PM की सुरक्षा और ‘टू मच डेमोक्रेसी’ के साइड इफ़ेक्ट: तीन ताल Ep 65

कोरोना का ताऊ वेरिएंट, PM की सुरक्षा और ‘टू मच डेमोक्रेसी’ के साइड इफ़ेक्ट: तीन ताल Ep 65

तीन ताल के 65वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए

-बाबा के बिना पहला तीन ताल. 'ताऊ' वेरिएंट कैसा होगा. ब्लैकबेरी का टशन किस तरह उसे लील गया.

-प्रधानमंत्री की 'सुरक्षा चूक' के लिए सही शब्द क्या. काफिलों के भौकाल और उसकी ज़रूरत पर बात. 

-ताऊ कब काफ़िले में फंसे और क्या वीवीआईपी कल्चर और सुरक्षा एक टिपिकल थर्ड वर्ल्ड प्रॉब्लम है. भारत में किसी माननीय की सुरक्षा बढ़ना चिंता की बात क्यों.

-अखिलेश यादव के सपने में कौन से 'कृष्ण' आ रहे हैं? सपनों की राजनीति और राजनीतिक सपनों की महत्ता.

-प्रधानमंत्री के राजनीतिक सपनों की ख़ास बात. क्या सपने सीक्वल और सीज़न में भी आते हैं.

-पाकिस्तान के पत्रकार हसन निसार की निरकुंशवादी व्यवस्था की मांग को ताऊ ने क्यों 'फ्रस्ट्रेशन' कहा. लोकतंत्र, तानाशाही और लोकतांत्रिक तानाशाही के बीच का फ़र्क़.

-टू मच डेमोक्रेसी के साइड इफेक्ट क्या. क्या तानाशाही का अनिवार्य अंग है ख़ून खऱाबा?

-बिज़ार ख़बर में जर्मन लड़की को फ्रेंच समझ उसकी भाषा सीखने वाले लड़के की दुविधा. ताऊ और सरदार कौन सी भाषा सीखना चाहते हैं.

-और आख़िर में तीन तालियों की चिट्ठी और प्रतिक्रियाएं.

प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी

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Listen and follow तीन ताल