तीन ताल सीजन 2 के 28वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', कुलदीप 'सरदार' और 'मंझले भैया' निशांत के साथ सुनिए:
- उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में पीपली लाइव क्यों नहीं दिखा
- विफलता के बिना सफ़लता मज़ा क्यों नहीं देती
- टनल में फंसे मज़दूर क्यों बच गए
- MRI के अंदर का म्यूज़िक, जेल में सुरंग और सुरंग में जेल
- रैट माइनर्स जैसी स्किल जिसका तोड़ AI के पास भी नहीं
- बिना खाए कितने दिन तक रहा जा सकता है
- मज़दूरों के पास इतनी मेंटल स्ट्रेंथ कहां से आती है
- मज़दूरों के लिए असल ट्रॉमा क्या है
- साहित्य आजतक से लेकर सड़क पर मिले तीन तालिये
- कब्ज़ से मन खिन्न क्यों रहता है और उदय प्रकाश की वो कहानी
- सांस लेने से नहीं, सांस छोड़ने से आदमी ज़िंदा रहता है
- बाथरूम में अख़बार और मोबाइल लेकर जाने वाले लोग
- मॉर्निंग शिफ़्ट में काम करने वालों की मुसीबत
- कॉन्स्टिपेशन से ग्रसित समाज और मानसिक कब्ज़ियत
- पब्लिक टॉयलेट्स में रोकी गई आवाज़ और आर्ट ऑफ़ कंट्रोलिंग मसल्स
- बंगालियों का कब्ज़ और टॉयलेट का नंबर 1 और नंबर 2
- कब्ज़ और डायरिया का डेडली कॉम्बो और दस्त का असल मतलब
- बिज़ारोत्तेजक ख़बर में उड़ते फ्लाइट में आसमान सिर पर उठा लेने वाले पति-पत्नी
- दंपती का मतलब, 'नाक आउट' पंच और पति-पत्नी के नोकझोंक
- दो 'बादों' की अजब-गजब शादी और शादियों में खर्च की सीमा
- आख़िर में डियरेस्ट तीन तालियों की चिट्ठियां और हॉस्टल में रहने के ताऊ के अनुभव
प्रड्यूसर: कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग: नितिन रावत
टू-लस्सन थ्योरी, चालान का चलन और जाम का झाम : तीन ताल S2 101
दुकान चलाने का मंतर, बलि लेने वाला बकरा और गुटखा थूकक चोर : तीन ताल S2 100
भोपाल की वटबाज़ी, मांगलिक मस्क और मच्छरों की झूमा-झटकी : तीन ताल S2 E96