तीन ताल के 123वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-बाबा का समंदर वाला सर्वे. BBC का 'सच' और नॉस्टेल्जिया.
-BBC की पुष्टि का महत्त्व. प्राइवेट और पब्लिक ब्रॉडकास्टर का फ़र्क़.
-विश्वसनीयता, संतुलन के मामले में बीबीसी औए अलजज़ीरा.
-परीक्षाएं क्या सिखाती हैं? परीक्षाएं कुल कितनी हैं?
-बाबा ने क्यों कभी प्रश्न छोड़ा नहीं? गोची मारना क्या होता है?
-परीक्षाओं की धुकधुकी. नकल एक उत्सव के तौर पर.
-बाबा ने नकल की या कराई? क्यों एक परीक्षा नकल की भी होनी चाहिए?
-तीन तरह के परीक्षार्थी. नकल विरोधी कानून क्यों चुनाव पर लागू होनी चाहिए?
-कड़े कानून और कड़ी निंदा के साथ असल समस्या.
-कैसे परीक्षाओं की नकल रुकेगी?
-शिक्षा और शोध की नंगई! रट्टू तोता के भ्रम. नम्बर लाने की कला.
-शिक्षकों का आदर क्यों जरूरी हैं? पढ़ने-पढ़ाने का विज्ञान.
-बिज़ार ख़बर में रेलवे पुलिस की बात जिसने एक जूता ढूंढने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया. और उस आदेश की भी जिसकी वजह से तंदूर की रोटी लगा जैसे एक शहर में अब मयस्सर ही नहीं होगी.
-जूते चोर की ईमानदारी. DRM होने के फ़ायदे.
-जूते-चप्पल न चोरी हो इसका ट्रिक! जूते का स्वाद. जूते पहनकर सोने वाले.
-क्यों कीमती जूते पहनें? शादी में जूता चोरी का रिवाज़ कहाँ से आया?
-तंदूरी रोटी की सौंध. दिल्ली के 'दबे कुचले'. हाथ की रोटी. मोटे अनाज के फ़ायदे.
-और आख़िर में प्रिय तीन तालियों की चिट्ठियों के साथ एक अनुरोध.
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेज़ी
दिसंबर की आतुरता, फेलियर का फ्लेवर और पास होने के जुगाड़ : तीन ताल, S2 Ep 84
सटेंगे तो घटेंगे, समोसा की साज़िश और डकैती ऑन डिमांड : तीन ताल, S2 Ep 78