तीन ताल के 53वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-भारतीयों की 'हाय' कहने की बीमारी. पत्रकारिता का अपशकुन क्या है और ताऊ क्यों अन्दर-बाहर का रावण नहीं जलाते?
-क्यों गति शक्ति योजना पर बाबा की रहेगी नज़र और ताऊ क्यों आर्यन ख़ान ड्रग्स केस के ट्रायल से 'पगला' गए हैं?
-क्यों इतिहास से नफ़रत करने में कोई बुराई नहीं है? 'वीर' सावरकर के माफ़ी माँगने में दिक्कत है या नहीं, इस पर ताऊ और बाबा की एक नज़र. किस से माफ़ी मांगे और किस से नहीं और माध्यम क्या हो माफ़ी माँगने का?
-बिज़ार ख़बर में रविवार की छुट्टी माँग कर अहंकार का नाश करने वाले मध्यप्रदेशी इंजीनियर से बाबा और ताऊ के सवाल. सन्डे को क्यों कुछ न करें बल्कि सब कुछ यूँ ही होने दें.
-बॉस कौन होता है? ताऊ को भोले बाबा और अली क्यों बॉस लगते हैं? ताऊ ने क्यों कहा नहीं जानना हर आदमी का अधिकार होना चाहिए.
-बॉस से छुट्टी माँगने का सही तरीका क्या हो. बॉस से क्या कहें और क्या न कहें और बॉस किसी के बारे में राय कैसे बनाते हैं?
-और न्योता वाले श्रोता में बिहार, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ से आयीं ऑडियो चिट्ठियाँ और उन पर बाबा, ताऊ और सरदार की प्रतिक्रिया.
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी
अपनी पसंद के पॉडकास्ट सुनने का आसान तरीक़ा, हमें सब्सक्राइब करें यूट्यूब और टेलीग्राम पर. फेसबुक पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.
मातम का डांस, कोर्ट का बेल-पत्र और सिंबल माइंडेड लोग: तीन ताल, S2 E47
VIP की हिरासत, ED का फ़ुल फ़ॉर्म और ड्राइवरलेस कार: तीन ताल, S2 E45
हंसने वाले सांप, थिन स्किन का चप्पल और डेमोक्रेसी के मक़ाम: तीन ताल S2 E44
होली की लिबर्टी, भांग का दिशासुर और आधी रात का नींबू: तीन ताल, S2 E43