तीन ताल के 58वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-जमूरा और जम्हूरियत में फ़र्क़. जाड़े में सरदार का जो सुख, वही ताऊ और बाबा का दुःख.
-कृषि कानून वापस लिए जाने पर बाबा को याद आयी कौन सी कहानी. कौन से सवाल रहे अनबुझे जिन पर सोचने की ज़रूरत.
-बाबा ने किसको भारतीय राजनीति का 'नास्त्रेदमस' बताया. और ताऊ क्यों कर रहे हैं बार-बार चुनाव कराने की वकालत.
-वीर दास के एक्ट से निकली 'टू इंडिया' वाली बहस में किस बात से सहमति और किस से असहमति. पश्चिम को हमें और हमारा पश्चिम को देखने का संकट.
-बाबा के हिसाब से कौन सा गुण प्रगतिशीलता की बुनियादी शर्त. भारत की किस जटिलता ने बनाया इसे सबसे खूबसूरत.
-वैक्सीन के डबल डोज़ की शर्त पर शराब मुहैया करानेवाले विभाग ने कौन सी गलती कर डाली. अफसर बाबू की किस लाइन ने कर डाला ताऊ, बाबा और सरदार तीनों को मुग्ध.
-वर्ल्ड टीवी डे के बहाने टीवी के नॉस्टेल्जिया, दूरदर्शन के कार्यक्रम और संगीत की यादें. ताऊ कौन से टीवी शो में आते थे और क्या करते थे.
-टीवी की सोशल इंजीनियरिंग. टीवी क्या हो सकता था जो हो न सका. अब और तब के टीवी में अंतर.
-आख़िर में तीन तालियों की प्रतिक्रियाओं और चिट्ठियों के बहाने बाबा - केजरीवाल की दोस्ती और दृष्टि का फ़र्क़. अमृतसरी कुलचे, लस्सी और मछली पर बतरस.
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी
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