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हॉस्पिटल की एक सुबह | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

हॉस्पिटल की एक सुबह | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

मेरे सामने बैठी उस ग़रीब महिला ने अपने कंधे पर से साड़ी का पल्लू हटाते हुए कहा, "डॉक्टर साहब, पति ने बहुत मारा है" उसके कंधे का ज़ख्म गहरा था और उस पर दांत के निशान थे। सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'अस्पताल की एक सुबह' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

 

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