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केशवानंद भारती: शंकराचार्य जो अनजाने में बन गए संविधान के रक्षक

केशवानंद भारती: शंकराचार्य जो अनजाने में बन गए संविधान के रक्षक

केरल में एक संत हुए केशवानंद भारती. इडनीर नाम का शैव मठ है वो उसके प्रमुख थे और केरल के शंकराचार्य कहलाए जाते थे. रविवार को कासरगोड़ ज़िले में उनका निधन हो गया. भारत के आध्यात्मिक जगत में एक उदासी छा गई. अगले ही हफ्ते उनके दिल का ऑपरेशन होना था मगर तबीयत अचानक खराब हो गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका. उम्र उनकी 79 साल थी. केशवानंद भारती उस मठ के प्रमुख थे जिसे आदिगुरू शंकराचार्य के पहले चार शिष्यों में से एक ने स्थापित किया था, लेकिन केशवानंद भारती का परिचय इतना ही नहीं है. कोई यदि यूपीएससी की तैयारी कर रहा हो, या फिर लॉ पढ़ रहा हो, पॉलिटिकल साइंस का विद्यार्थी हो तो हो ही नहीं सकता कि वो इस नाम से अनजान रह जाए. भारत के न्यायिक इतिहास से केशवानंद भारती का नाम निकाला नहीं जा सकता. एक केस ने उन्हें मशहूर कर दिया था. उसे ही याद कर रहे हैं पॉड ख़ास में आज नितिन ठाकुर और कानूनी मामलों की जानकार पल्लवी शर्मा.

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