कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन के बीच उदासियां हैं, अकेलापन है और घबराहट है. लेकिन इस बीच शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने एक ग़ज़ल आज तक रेडियो को रिकॉर्ड कर भेजी है, जिसमें वो उम्मीद की एक किरण की बात कह रहे हैं. सुनिए, भले ही प्यार का मौसम नहीं है, मगर इस दिल की लय मद्धम नहीं है.