ये साल था 1849. देश में अंग्रेजी शासन था. कलकत्ता से लगभग 16 किलोमीटर दूर एक अंग्रेजी सेना की छावनी हुआ करती थी. पूरब के ज्यादातर भारतीय सैनिक यहीं तैनात थे. इन्हीं दिनों एक 22 साल के लड़के ने अंग्रेजी सेना जॉइन की. नाम था मंगल पाण्डेय. उन दिनों कोई नहीं जानता कि कुछ साल बाद ही ये लड़का देश की आजादी के लिए बग़ावत का पहला बिगुल फूँकेगा. इन दिनों तक ये बात अफवाह की शक्ल में उड़ने लगी थी कि अंग्रेजी सेना में जो कारतूस इस्तेमाल किये जाते हैं उनमें गाय का मांस इस्तेमाल होता है. ये बात धार्मिक मंगल पाण्डेय को बेचैन करने के लिए काफी थी. इतनी कि वो ज्यादा दिन इंतज़ार तक नहीं कर सके. सुनिए पूरी कहानी इस एपिसोड में नितिन ठाकुर से.