वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर ने अपनी आत्मकथा ‘एक ज़िंदगी काफी नहीं' मे लिखा बंटवारे के दौरान देश की स्थिति देखने निकले जिन्ना तत्कालीन हालात देख के व्यथित हो गए थे. हालात इतने ख़राब थे कि जिन्ना के मुंह से निकल पड़ा ये मैंने क्या कर डाला? बंटवारे की त्रासदी और पाकिस्तान में कट्टरता का आलम देखकर जिन्ना दुखी थे लेकिन क्या इतने कि वो भारत लौट आना चाहते थे. अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरा करने को एक मुल्क को तोड़ देने वाला एक बड़ा नाम क्या वाकई ये सोचता था? सुनिए इति इतिहास के इस एपिसोड में.
एक आदत की वजह से मिली कवि को दो बार फांसी: इति इतिहास, EP 203