मारवाड़ के शासक थे जसवंत सिंह राठौड़. 1678 में उनकी बिना उत्तराधिकारी के मौत हो गई. मौत के वक्त उनकी रानी गर्भवती थी लेकिन औरंगज़ेब ने उनके बेटे अजीत सिंह को राजा मानने से इनकार कर दिया. नन्हें अजीत सिंह और मारवाड़ के समर्थन में मेवाड़ खड़ा हो गया तो नाराज़ औरंगज़ेब ने अपने बेटे अकबर की अगुवाई में मुगल सेना से दोनों राज्यों पर चढ़ाई करवा दी. यहां हुआ खेल. राजपूतों ने अकबर को ऑफर दिया कि वो औऱंगज़ेब को हटा कर अगला बादशाह बन जाए और इस काम में उनका सपोर्ट ले ले. अकबर बागी तो हो गया लेकिन औरंगज़ेब की चालबाज़ी ने उसे भागने को मजबूर कर दिया. वो मराठों की मदद के पास मदद के लिए दक्षिण में चला गया लेकिन अपने बेटे और बेटी सफीयतुनिसा को अजीत सिंह के संरक्षक दुर्गादास राठौड़ के पास छोड़ गया. अब औरंगज़ेब को टेंशन हुई कि उसकी जवान होती पोती के साथ कुछ गलत ना हो जाए.सुनिए पूरी कहानी 'इति इतिहास' के इस एपिसोड में.
प्रोड्यूसर - रोहित अनिल त्रिपाठी
साउंड मिक्स - अमृत रज़्जी
हाईकोर्ट अखाड़े के नामकरण का दिलचस्प क़िस्सा: इति इतिहास, Ep 182