यासिर अराफ़ात, जिसे कभी आतंकवादी कहा गया तो कभी नोबेल से सम्मानित शांतिदूत. जिसके ख़ुद का सच ये था कि वह अक़्सर झूठ बोलता है लेकिन अपने लिए नहीं, अपने लोगों के लिए, उस फ़िलिस्तीन राष्ट्र को साकार करने के लिए जिसे असल मायने में वह कभी पा न सका. यासिर अराफ़ात को फ़िलिस्तीन के संघर्ष का पर्याय क्यों माना जाता है, अराफ़ात के शुरुआती जीवन, परिवार, अरब राष्ट्रवाद के प्रति उनके झुकाव और इज़रायल के प्रति उनके विद्रोह की शुरुआती कहानी, सुनिए 'नामी गिरामी' में नितिन ठाकुर से.
प्रड्यूसर: शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी
तिहाड़ में दसवीं पास करने वाले CM की कहानी!: नामी गिरामी, Ep 284