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मंज़ूर एहतेशाम अपनी कहानी की तरह जिये और उसी की तरह चले गए: नामी गिरामी, Ep 95

मंज़ूर एहतेशाम अपनी कहानी की तरह जिये और उसी की तरह चले गए: नामी गिरामी, Ep 95

3 अप्रैल 1948 को भोपाल में जन्मे मंजूर एहतिशाम साहित्य जगत की मशहूर शख़्सियत रहे हैं. उन्होंने पांच उपन्यास समेत कई कहानियां और नाटक लिखे हैं. उन्हें साल 2003 में पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा गया था. अमन गुप्ता इस बार 'नामी गिरामी' में लेकर आए हैं उन्हीं का सफ़रनामा.

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