150 साल पहले जोधपुर शहर में देश भर के पहलवानों का मजमा लगा था. चुने हुए चार सौ पहलवान दम खम दिखाकर खूब वाहवाही बटोर रहे थे. खुद जोधपुर के राजा जसवंत सिंह के न्योते पर भारी तादाद में तमाशबीन पहुंचे थे. पहलवानों के बीच दस साल का एक बच्चा भी था,जो पंजाब के अमृतसर से आया था. हैरानी इस बात की थी कि ये तमाशबीन नहीं बल्कि प्रतियोगिता में हिस्सेदार के तौर पर पहुंचा था. राजा के आदेश पर दंड बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ,सबसे ज्यादा देर तक जो भी इस सिलसिले को बरकरार रखता वो विजेता होता. इस प्रतियोगिता को जीतकर दस साल के गामा पहलवान ने इतिहास रच दिया और आजीवन अजय रहा, सुनिए 'नामी गिरामी' में सूरज कुमार से.
रिसर्च, स्क्रिप्ट और प्रड्यूस- रोहित त्रिपाठी
साउंड मिक्सिंग- अमृत रेजी
Princess Diana को हनीमून पर ही मिला बेवफाई का सबूत?: नामी गिरामी, Ep 301