आज से ठीक अठारह साल पहले इराक में सद्दाम हुसैन की सत्ता का पतन हो गया था. 30 दिसंबर 2006 को इस तानाशाह को फांसी दे दी गई. अमेरिका ने इसकी पूरी पटकथा लिखी थी. लेकिन आज तक ये सवाल कायम है कि क्या सद्दाम पर हमला बोलने के लिए अमेरिका ने झूठा बहाना बनाया था, तो असल में खलनायक कौन था? कभी अमेरिका के लाड़ले रहे सद्दाम हुसैन को ये सब क्यों भुगतना पड़ा और आख़िर क्यों उसे उसकी चुनी हुई मौत भी नहीं नसीब नहीं हुई, नामी गिरामी में सुनिए नितिन ठाकुर से.
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