scorecardresearch
 
Advertisement
संत तुकाराम ने अपना सारा लिखा नदी में क्यों बहा दिया था?: नामी गिरामी, Ep 272

संत तुकाराम ने अपना सारा लिखा नदी में क्यों बहा दिया था?: नामी गिरामी, Ep 272

किसी कवि की रचना कितनी महान है यूं तो इसके कई मापदंड है. मगर उन में से एक बड़ा फैक्टर है पल पल गुज़रता वक्त. यानि अगर कोई रचना बीतते सालों के साथ भी उतनी ही प्रासंगिक बनी रहे जितनी वो पहले थी. तो कई विद्वान उसे महान की श्रेणी में रखते हैं. मराठी भाषा में संत तुकाराम की कविताओं और रचनाओं को महान कहा जाने का एक बड़ा कारण यही है. संत तुकाराम की रचनाओं को इतिहासकार 400 साल से पुराना मानते हैं मगर आज भी ये मराठी साहित्य का एक अभिन्न अंग है. आज भी महाराष्ट्र के छोटे छोटे गांवों में मसाला कूटती, खाना बनाती महिलाओं को संत तुकाराम की कविताएं गाते सुना जा सकता है. मगर इन कविताओं की रेंज इतनी ज्यादा है कि जहां एक तरफ ये जनसाधारण के लिए इतनी प्रचलित हैं. वहीं दूसरी तरफ भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कई पत्रों में इनका ज़िक्र मिलता है. सुनिए कहानी इन्ही संत तुकाराम की ‘नामी गिरामी’ में.

Advertisement
Listen and follow नामी गिरामी