सैम मानेकशॉ डॉक्टर बनते बनते फील्ड मार्शल कैसे बन गए, बर्मा की लड़ाई में सात गोलियां लगने के बावजूद उनकी जान कैसे बचाई गई, क्यों अपने पिता से उन्होंने डेढ़ साल बात नहीं की थी, किस रक्षा मंत्री से उनकी बहस ने उनपर इन्क्वायरी ऑफ कोर्ट बैठा दी थी, 1971 युद्ध की उन्होंने किस तरह तैयारी की और कैसे अपने अंतिम समय में उन्हें राजनेताओं और सेना के चीफ ने अकेला छोड़ दिया, सुनिए 'नामी गिरामी' में सूरज कुमार से.
रिसर्च, स्क्रिप्ट, प्रड्यूस- सूरज कुमार
साउंड मिक्सिंग- सचिन द्विवेदी