रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी का एक इंच भी अंग्रेज़ों को देने से इंकार कर दिया था. मातृभाषा से लेकर मातृभूमि तक वो स्वराज का विस्तार देखती थीं. उन्होंने अंग्रेज़ों के साथ इस तरह युद्ध किया कि कई अंग्रेज़ी अफसरों ने उन्हें 'मर्दानी योद्धा' से लेकर 'विद्वान और नेतृत्व कुशल रानी' कहकर पुकारा. 18 जून को उन्हें अंग्रेज़ों से युद्ध करते हुए वीरगति प्राप्त हुई. सुनिए रानी झांसी की ज़िंदगी पर आधारित आज तक रेडियो का यह पॉडकास्ट अंजुम शर्मा के साथ.
Princess Diana को हनीमून पर ही मिला बेवफाई का सबूत?: नामी गिरामी, Ep 301