आज़ादी के आंदोलन से निकले, बहुआयामी प्रतिभा के धनी राममनोहर लोहिया पक्के कांग्रेसी हुआ करते थे. फिर वह गैर-कांग्रेसवाद के पर्याय कैसे बने? पंडित जवाहर लाल नेहरू से उनकी राजनीतिक कशमकश क्यों चलती थी? नामी गिरामी में इस बार समाजवाद की एक नायाब परिभाषा गढ़ने वाले प्रखर चिंतक राम मनोहर लोहिया की कहानी सुनिए अमन गुप्ता से.
प्रड्यूसर: शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी
अमीन सायानी सरकार की एक ग़लती से मशहूर हुए थे?: नामी गिरामी, Ep 241