4 नवंबर 1889. सीकर के एक गांव काशी का बास में एक लड़का जन्मा था. बहुत ग़रीब परिवार था.लेकिन वो लड़का ग़रीबी में ही मर जाने को ही नहीं पैदा हुआ था.किस्मत उसके साथ थी. उसे एक बड़े कारोबारी सेठ बच्छराज ने गोद ले लिया. 1906 में उसने कारोबार सम्हाला. और तरक्की की वो सीढियां चढ़ीं कि आज उसकी कम्पनी ग़रीबों की मदद करने के बाद भी कॉरपोरेट दुनिया की उस ऊंचाई पर है जहां पर कोई भी कम्पनी पहुंचना चाहती होगी. या कई तो सोच भी नहीं सकतीं. इस लड़के का नाम था जमनालाल. जो बाद में कहलाया जमनालाल बजाज. उद्योगपति जमनालाल बजाज जिसे महात्मा गांधी अपना पांचवा बेटा मानते थे. जिसे नेहरू भारत की आर्थिक आज़ादी का नायक कहते थे. सुनिए उनकी पूरी कहानी 'नामी गिरामी' में.
प्रोड्यूसर - रोहित अनिल त्रिपाठी
साउंड मिक्स - सचिन द्विवेदी