फरवरी की ठंड में भूरे, बेजान, पत्ते चरमराते हुए शाख डाल से टूट रहे हैं. देश की जनता इंतज़ार में हैं, इंतज़ार सूरज की गर्म किरणों का, नई कोंपलों के फूटने का, सर्द रातों के अंत का. नेहरू और शास्त्री को गंवाने के बाद निगाहें इंदिरा पर हैं. 1967, रायबरेली में प्रचार करती इंदिरा. इंदिरा, जिन्हें अभी कुछ वक़्त पहले ही लोहिया ने संसद में गूंगी गुड़िया माना.... खत लिख रहीं हैं. ये खत लंदन में बैठे उस व्यक्ति के नाम लिखा जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में इंदिरा की राजनीति को आकार देने वाले हैं. वो शख्सियत जो खामोश इंदिरा को पाकिस्तान से लोहा लेने वाली दुर्गा बनाने वाले हैं. ये कहानी है भारत के सबसे प्रभावशाली नौकरशाह परमेश्वर नारायण हक्सर की. सुनिए सिर्फ 'नामी गिरामी' में
प्रड्यूसर: चेतना काला
साउन्ड मिक्सिंग: कपिल देव सिंह
'जंगली’ एक्टर जिसने सिनेमा को सिखाया ‘Twist’: नामी गिरामी, Ep 275