बैरकपुर में अंग्रेज़ी सेना में तैनात रहे मंगल पांडे का योगदान 1857 की क्रांति के लिए बेहद अहम माना जाता है. उनकी गोली से ही इस क्रांति को हवा मिली थी. दरअसल सेना में उन्होंने विद्रोह उस वक़्त इस्तेमाल होने वाले एक कारतूस को लेकर किया था. इसके बाद उन्हें फांसी की सज़ा सुनाई गई और 8 अप्रैल 1857 को उन्होंने वीरगति प्राप्त की. तो मंगल पांडे की जयंती पर 'नामी गिरामी' में सुनिए उनकी कहानी अमन गुप्ता के साथ.
अपनी पसंद के पॉडकास्ट सुनने का आसान तरीक़ा, हमें सब्सक्राइब करें यूट्यूब और टेलीग्राम पर. फेसबुक पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.
Princess Diana को हनीमून पर ही मिला बेवफाई का सबूत?: नामी गिरामी, Ep 301