दिल्ली में पत्रकारिता का जाना माना संस्थान है, IIMC. वो जिस मार्ग पर है उसका नाम है अरुण आसफ़ अली मार्ग. किसी के नाम पर देश की राजधानी की एक सड़क का नाम रखा जाना यह छोटी बात नहीं है. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को जब अंग्रेजी हुकूमत ने जेल में डाल दिया था. तब अरुणा आसफ़ अली अदम्य साहस का परिचय देते हुए आगे आती हैं. आंदोलन में जोश भरने के लिए ग्वालिया टैंक के मैदान तक पहुंचती है और तिरंगा फ़हराती है. आज तक रेडियो के इस पॉडकास्ट में उनकी शख़सियत से जुड़ी तमाम बातें बता रहे हैं अंजुम शर्मा.
Princess Diana को हनीमून पर ही मिला बेवफाई का सबूत?: नामी गिरामी, Ep 301