इस पॉडकास्ट के नायक और खलनायक हैं, तीन तिलंगे- कमलेश किशोर सिंह, पाणिनि आनंद और कुलदीप मिश्र. ये तीनों लोग हफ़्ते की घटनाओं पर अतरंगी अंदाज़ में बातें करेंगे, ठहाकों के साथ और अपने अपने biases के साथ. ये पॉडकास्ट सबके लिए नहीं है. जो घर फूंके आपना, सो चले हमारे साथ. यानी वही लोग सुनें जिनका आहत होने का पैरामीटर ज़रा ऊंचा हो. हर सोमवार, आज तक रेडियो पर. पहल एपिसोड में सुनिए टीआरपी के सिस्टम में प्रॉब्लम क्या है, पुलिस मारती क्यों है, प्याज़ खाने की चीज़ है लेकिन किसी को 'सेक्सी' क्यों लगता है और बिरयानी के साथ विचित्र प्रयोगों को क्यों अपराध कहा जाना चाहिए.
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जगदीप की बाती, बैचलर्स से बैर लोडोनिया के लौंडे : तीन ताल S2 114
वल्चर का वेंचर, मृतकों का फेसबुक और स्टार्टअप के स्टंट : तीन ताल S2 113
स्वर्ग में संस्कृत, गोबर में गोल्ड और झुमके से झगड़ा : तीन ताल S2 112
तैमूर लंग्स का ब्रेकिंग-ब्रेड, खदेरन कट और सस्ताPUN : तीन ताल S2 111
इलाहाबाद के बमबाज़, पिनकहा चाचा और करेजऊ का करेज : तीन ताल S2 110
जीवन की क्षणभंगुरता, बा-वफ़ा सोनम और खट्टरपंथी विचार : तीन ताल S2 108
खीरे की बलि, टमाटर का प्रतिरोध और चुकंदर की चूक : तीन ताल S2 107