उस शख्स ने कहा कि मैं तुम्हारा तीस साल पुराना क्लासमेट हूं, मेरा नाम जय है। बोला, "याद है, हम दोनों गणित वाले सर को LCM कहा करते थे" मोहित को ये बात तो याद थी लेकिन उसे शक था कि ये वो जय नहीं है, क्योंकि वो तो गोरा, मज़बूत चेहरे का चुस्त दुरुस्त था... तीस साल में उसका चेहरा इतना तो नहीं बदल सकता। उसने तय किया कि वो स्कूल की पुरानी ग्रुप फोटो से उसके चेहरे का मिलान करेगा... सुनिए सत्यजीत राय की लिखी कहानी - दा क्लासमेट स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.