
"मेरे पिता ठाकुर हरदयाल सिंह के खेत में मज़दूर हैं। लोगों की शादी में छाती में संतरे लगा कर और पाँव में घुंगरू पहन कर नाचते भी हैं। इसके अलावा वो खूब शराब पीते हैं और माँ को पीटते हैं। गाँव वाले मेरे बाप को मंगता मुसहर कहते हैं और अब अपने मन का मखमल बचाना मैंने जिस आदमी के बारे में अभी बताया, वो मेरा बाप है पर मैं उसका बच्चा हूँ ठीक ठीक नहीं कह सकता। सब कहते कि मेरी कद-काठी, शक्ल-सूरत, रंग-रूप ठाकुर हरदयाव से मिलता है, मुझे भी लगता है मैं उसी का बेटा हूं। तुम देखना मैं अपनी इस देख को ऐसे खत्म करूँगा कि कहानी हो जाऊँगा" - सुनिए अनुराग अनंत की लिखी कहानी 'दा ब्लू कॉमरेड' स्टोरीबॉक्स में, जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से









