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इश्क़ में कभी कभी | Part 2 | स्टोरीबॉक्स | EP 57

इश्क़ में कभी कभी | Part 2 | स्टोरीबॉक्स | EP 57

हम एक बार बिछड़ चुके थे, दूसरी बार बिछड़ना नहीं चाहते थे। शनाया से जब मैं दूसरी बार मिला तो मेरे हाथ में एक किताब थी 'निर्मल वर्मा' की 'वे दिन' जिसके आखिरी पन्ने पर जो लिखा था अगर वो शनाया पढ़ लेती तो हमारे बीच का वो फासला मिट जाता जो देखने में तो हमारे बीच रखी मेज़ बराबर था, पर असल में उससे कहीं ज़्यादा था - सुनिए स्टोरीबॉक्स में इस हफ्ते की कहानी 'इश्क़ में कभी-कभी - पार्ट टू'

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Listen and follow स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी