परवेज़ भाई वो आदमी थी कि जो सालभर तो ठीक रहते थे लेकिन फरवरी का महीना आते ही उनके अंदर एक अजीब सा गुस्सा आ जाता था. वो उन आशिकों की पिटाई के मौके ढूंढने लगते थे जो अपनी महबूबा के साथ बन ठन के घूमने निकलते थे. पर तब क्या हुआ जब परवेज़ भाई को ही इश्क़ की हवा लग गयी. जब मोहल्ले में रहने वाली उनकी पुरानी इकतरफ़ा मुहब्बत आफ़रीन ने लिख दिया उनके नाम पर ही मुहब्बत का एक ख़त - सुनिये स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से पुराने ज़मानों की मुहब्बत की एक मज़ेदार कहानी - पुराने मुहल्लों का प्यार
साउन्ड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी