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चची के इश्क़ में | स्टोरीबॉक्स | EP 19

चची के इश्क़ में | स्टोरीबॉक्स | EP 19

चचा और चची की मुहब्बत सावन की धूप जैसी थी - पल भर में होती, पल भर में गायब। चची के चेहरे पर खुशी लाने के लिए चचा घर के हर काम को अंजाम देने के लिए मिशन उठा लेते लेकिन काम बनाने की बजाए इस तरह बिगड़ जाता कि फिर वो, चची और घर का हर शख्स यही सोचता कि ये काम बाहर से किसी को बुला कर करवा लिया होता, तो भले चार पैसे लग जाते लेकिन काम इत्मिनान से होता। ऐसा ही वो दिन था जब घर में फ्रेम होकर आई एक तस्वीर। चची ने कहा, "भई ये तस्वीर दो दिन से रखी है, कब लगेगी। बुलवा लो किसी को" चचा ने कहा, "अरे इसके लिए किसी को बुलाने की क्या ज़रूरत। ये तो हमीं टांग देंगे। लाओ अभी काम ख़त्म किए देता हूं" बस साहब इतना कहना था कि फिर घर में जो हुआ, वो सबको याद रहेगा। सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'चची के इश्क़ में'

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Listen and follow स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी