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तुम्हें शायद न याद हो | स्टोरीबॉक्स | EP 44

तुम्हें शायद न याद हो | स्टोरीबॉक्स | EP 44

तो.. तुम्हारी बीवी कैसी है?" ज़ेहरा ने शादमान ने पूछा तो उसने उसे सच नहीं बताया कि उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है, बस इतनी ही कहा, "ठीक है वो... तुम बताओ तुम्हारे शौहर कैसे हैं?" ज़ेहरा भी शादमान को ये बताकर उदास नहीं करना चाहती थी कि उसके शौहर से उसकी तलाक हो चुकी है। बोला, "ठीक हैं वो" पंद्रह साल बाद मिले शादमान और ज़ेहरा अपने अपने हिस्से का झूठ छुपाए एक दूसरी की नम आंखों में देखते हुए मुस्कुरा रहे थे। सुनिए जमशेद कमर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी "तुम्हें शायद न याद हो" स्टोरीबॉक्स में. 

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Listen and follow स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी