सात साल की मेरी बेटी त्रिशा दोपहर से लापता थी। मैंने पूरे शहर के कई चक्कर लगा लिये थे लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया था। मैं और मेरे पड़ोसी ज़ैदी साहब थक हार कर घर पहुंचे ही थे कि मेरे घर का फोन बजा। पुलिस स्टेशन से कॉल था। उन्होंने बताया कि भगत सिंह चौक पर लगे सीसीटीवी में त्रिशा को देखा गया है। उसके साथ कोई आदमी है। मैं हड़बड़ाया हुआ पुलिस स्टेशन पहुंचा तो उन्होंने मुझे वीडियो दिखायी गयी मैंने देखा कि उस तस्वीर में त्रिशा के साथ जो आदमी था वो कोई और नहीं, गोपाल था। वही गोपाल जो कभी हमारी सोसाइटी में वॉचमैन का काम करता था। सुनिए स्टोरीबॉक्स में नई कहानी 'पाँच सौ का नोट'.