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पूरे चांद की रात |  स्टोरीबॉक्स | EP 26

पूरे चांद की रात | स्टोरीबॉक्स | EP 26

वो जगमगाते सितारों की रात थी। हमारी कश्ती खुबानी के पेड़ से बंधी थी। चांदनी पत्तों के ओट से छनकर हमारे चेहरे पर पड़ रही थी। झील का पानी किनारे को चूम रहा था। मैंने उसके रुख़्सार को चूमा। ऐसा लगा हज़ारों मस्जिद ओ मंदिर में एक साथ सदाएं गूंजने लगीं। मैंने उसकी ठोडी को चूमा तो हज़ारों कवल एक साथ खिल गए। उसने मुझे अपना खाया हुआ भुट्टा दिया, मैंने भुट्टे के दानों को मुंह से लगाया तो उसके लबों की गर्मी उन नर्म दानों पर अब तक थी। मैंने उससे कहा, "मैं तुम्हें चूम लूं" उसने आंख उठाते हुए मुस्कुराकर कहा, "हश... कश्ती डूब जाएगी" मैंने फिर कहा, "तो क्या करें फिर".... उसने मेरी तरफ ग़ौर से देखा और कहा 'डूब जाने दो' - सुनिए कृष्ण चंदर की लिखी कहानी 'पूरे चांद की रात' स्टोरीबॉक्स में. 

Listen and follow स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी