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बहादुर अल्ला दित्ता फ़ायरमैन | कॉमेडी | स्टोरीबॉक्स | EP 31

बहादुर अल्ला दित्ता फ़ायरमैन | कॉमेडी | स्टोरीबॉक्स | EP 31

राइटर ने गला खंखारते हुए कहा, "रात का वक्त था अचानक एक ऊंची इमारत की चौथी मंज़िल से आग की लपटें उठने लगीं। एक आदमी चिल्लाया - आग, आग, बचाओ, बचाओ" एडिटर ने कहा, "ये क्या... क्या आप अपनी कहानी के ज़रिए ये बताना चाहते हैं कि हमारी आवाम इतनी डरपोक है कि महज़ घर में आग लगने से चिल्लाने लगे। मैं आपकी जगह होता तो उस किरदार से कहलवाता - अजी बहुत देखी हैं ऐसी आग, अभी बुझा देंगे। या फिर ये कि 'आग-वाग कुछ नहीं तख़रीब पसंदों का प्रोपागेंडा है' - सुनिए इब्न ए इंशा की लिखी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद कमर सिद्दीक़ी से

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