गज़लसाज़ के रेशमा सीज़न के सातवें और आखिरी एपिसोड में सुनिए रेशमा के अब्बा ने उनसे, उनके पुरखों की कब्रों के बारे में क्या नसीहत की थी? वो कब्रें जो रतनगढ़ में आज भी मौजूद हैं और जिन्हें छोड़कर उन्हें तक़्सीम के वक्त पाकिस्तान जाना पड़ा था। दिल्ली की निज़ामुद्दीन दरगाह और अजमेर की ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह पर रेशमा क्यों पैंतीस साल बाद हाज़िरी लगाने पहुंची थीं? सुनिए गज़ल साज़ के रेशमा सीज़न के आख़िरी पॉडकास्ट में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से