हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बंटवारे वाले साल में पैदा हुई रेशमा को ज़िंदगीभर ये मलाल रहा कि उनकी रेतीली ज़मीन राजस्थान सरहद से बंट गयी। इंदिरा गांधी से एक मुलाकात में उन्होंने कहा था कि अगर मेरा दूसरा जन्म हो तो मैं फिर से इसी मिट्टी में पैदा होना चाहती हूं। सुनिए रेशमा की ज़िदगी के ऐसे ही कुछ सुने-अनसुने क़िस्से जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से और कुछ चुनिंदा गज़लें रेशमा की आवाज़ में, सिर्फ गज़लसाज़ में
सौ साल पहले की महिला कलाकारों का संघर्ष हमसे बहुत बड़ा था : S9, Ep 7