राशिद ख़ान साहब की ज़िंदगी से जुड़े कुछ सुने अनसुने क़िस्से और उनकी रूहानी आवाज़ में हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूज़िक के इस गुलदस्ते को लेकर गज़लसाज़ फिर से हाज़िर है। सुनिए आजतक रेडियो पर 'गज़लसाज़' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
सौ साल पहले की महिला कलाकारों का संघर्ष हमसे बहुत बड़ा था : S9, Ep 7
आवाज़ जिसने क्लासिकल म्यूज़िक को 'कूल' बना दिया : ग़ज़लसाज़, S9 E2