दुनिया के हर उस मुल्क में जहां हिंदुस्तानी रवायती संगीत को चाहने वाले ज़िंदा हैं उस मुल्क की अदबी हवाओं में उस्ताद राशिद ख़ान का नाम गूंजता है. आजतक रेडियो के 'गज़लसाज़' पॉडकास्ट में सुनिए राशिद साहब की आवाज़ में कुछ ख़ास बंदिश और साथ ही कुछ यादगार किस्से. बरेली शरीफ़ से उस्ताद का क्या रिश्ता है? कौन थे निख़िल काका जिन्होंने राशिद साहब के बचपन में ही उनके बेहद कामयाब होने की भविष्यवाणी कर दी थी? बता रहे हैं जमशेद कमर सिद्दीक़ी 'गज़लसाज़' के पांचवें एपिसोड में.
साउंड मिक्सिंग- अमृत रेगी
सौ साल पहले की महिला कलाकारों का संघर्ष हमसे बहुत बड़ा था : S9, Ep 7
आवाज़ जिसने क्लासिकल म्यूज़िक को 'कूल' बना दिया : ग़ज़लसाज़, S9 E2