पद्मश्री उस्ताद राशिद ख़ान की रोहानी आवाज़ दिल ओ ज़हन को अंदर तक छू लेती है। दुनिया भर के तमाम देशों तक हिंदुस्तानी रवायती संगीत को पहुंचाने वाले राशिद ख़ान ने कभी हारमोनियम पर रियाज़ नहीं किया। वो कहते हैं कि रियाज़ सिर्फ तानपुरे पर करना चाहिए। उनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ याद किस्से और उनकी आवाज़ में कुछ रोहानी संगीत, सुनिए गज़लसाज़ के इस एपिसोड में, जमशेद कमर सिद्दीक़ी के साथ.
सौ साल पहले की महिला कलाकारों का संघर्ष हमसे बहुत बड़ा था : S9, Ep 7